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दीपक

बुझे दीपक के निशान यूँ  ना मिटाओ रोशन किया था इसने भी कभी ये सोचकर एक कोने में पड़ा रहने दो। धरम  ✍️

मृत्युशैया

🍂जीवन के  अंतिम  पड़ाव में मैं चाहता हूँ तुम्हारी गोद पर पर सर रखकर यात्रा करना हाँ तुम्हें तब भी हक़ रहेगा डाँटने का , मैं मैं चाहूँगा तुम्हारी आँखों में पानी की जगह क्रोध रहे, मैं जानता हूँ उस क्रोध के साथ ही निकलेगा अथाह प्रेम जो छुपा रखी हो आप,🍂 तुम जोर जोर से डाँटो की धरम तुम मुझे छोड़कर नहीं जा सकते,ये हक मैंने तुम्हें कभी नहीं दिया कि अकेला छोड़कर ऐसे चले जाओ😥🍂 मैं चाहूँगा तुम्हारी उस डाँट में इतनी शक्ति हो कि मुझे मृत्युशैया से भी उठना पड़े।🍂 #धरम✍️

वादे

वादे किसी भी रिश्ते के मूलभूत  स्तंभ  होते  हैं, वो वादे जिनकी छाव में पलता है रिश्तों का दरख़्त, अक्सर छोटे छोटे वादों से मुकरने पर मुरझाने लगते हैं हमारे रिश्ते, प्रेम,विरह,संग ,या किसी अन्य रूप में जताए गए वादों की जड़ मनुष्य की सोच  में ही पल्लवित होती है, वादों की अहमियत न  समझते हुए जब कोई  किसी बात से नजरें  फेरता है तो वो दुनिया का  सबसे घिनौना कृत्य होता है। हम इस पर विचार नहीं करते जबकि किताब में ये स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाना चाहिए कि वादे तोड़ना संसार का  सबसे घृणित अपराध है।